तेरे दिदारके लिये, सामान खरीदा हूँ

(तर्ज : तेरे दिदार के लिये बंदा हैरान है ...)
तेरे दिदारके लिये, सामान खरीदा हूँ ।
किस्मतको मोल देकर, सामान खरीदा हूँ ।।टेक।।
चष्मे लिये है दो दो, बाहर भीतर दिखैये ।
तसबीर खींचनेको, सामान खरीदा हूँ ।।१।।
कुँडियाँभी ली है दो दो, खुब पाक बनानेको ।
तेरो हुकुम सम्हलने, सामान खरीदा हूँ ।।२।।
परशुभी लाय राखे, बिच शत्रुको हटाने ।
तेरीहि इंतिहारी,  सामान  खरीदा हूँ ।।३।।
सर माँगता तो सर दूँ, धर माँगता तो धर दूँ ।
पगमें तुम्हार धरने, सामान खरीदा हूँ ।।४।।
अब देर ना लगाओ, गलियोंमे मेरि आओ ।
तुकड्याको मिलानेको, सामान खरीदा हूँ ।।५।।