तुम्हींसे लौ लगानेको, हमी दुनियामें आये है
(तर्ज : अगर है ज्ञानको पाना... )
तुम्हींसे लौ लगानेको, हमी दुनियामें आये है ।।टेक।।
न हमको बापकी जरूरी, न दिलमें लालसा कोई ।
मिलायेंगे दुआ तेरी, यही आशा लगाये है ।।१।।
न हमको प्यार माताका, न कोई धन कमाना भी ।
लँगोटीसे निभावेंगे, वक्त अब वहही पाये है ।।२।।
न हमको योग पाना है, न कोई पंथ लेना है ।
भिखारीपन चला करके, सूखी रोटी उडाये है ।।३।।
न हमको मौनभी धरना, न कोई बात भी करना ।
वह तुकड्याको मिले जलवा, यही कारज उठाये है ।।४।।