चलाना हमें, नाम गुरु का चलाना

(तर्ज : दिखा दो नजर से यह जलवा...)
चलाना हमें, नाम गुरु का चलाना ।।टेक।।
जरूरत नहीं, कोई करने करनकी ।
जलाना भरम खास दिलका जलाना ।।१।।
इसीके छ्ये खास दुनिया में आये ।
हलाना करम - डोर करसे    हलाना ।।२।।
नहीं है कमाना, नहीं है गमाना ।
ढलाना ढले सो, कदम   से   ढलाना ।।३।।
दुआरी हमारा है, गुरुनाथ वाली ।
यह तुकड्याको, गुरुके चरणपे रूलाना ।।४।।