हमेशा हमारा नफाही नफा है
(तर्ज : दिखा दो नजर से यह जवा तुम्हारा... )
हमेशा हमारा नफाही नफा है ।।टेक।।
न होना छुराई, न होना बुराई ।
जो करना न करना यहाँपे दफा है ।।१।।
न कोई रूकावे, इस दुनियाभरेमें ।
हमारे लिये दिल, सभीका सफा है ।।२।।
न था गठड़ा न कुछभी कमाया ।
कमाना गमाना यह सारी अफा है ।।३।।
जे खिलकतमें आये, न बैठे कहाँपर ।
न मरना न जीना, यह कुदरत जफा है ।।४।।
सभी यह तमाशा, नकलका बना है ।
कहे दास तुकड्या, वह खालक सफा है ।।५।।