आशिक फकीरके घर, खूब तमासा होगा

(तर्ज : दिखा दो नजर से यह जलवा ....)
आशिक फकीरके घर, खूब तमासा होगा ।
ढूँढे न कभी हम, ढूँढे तो खुलासा होगा ।।टेक।।
जीते न कभी मरते वह, जिन्देही मरे सारे है ।
रहते न कभी दुनियामें, दुनियासे नहीं न्यारे है ।
खोजो तो भलाई, प्रेम-पिलासा होगा ।।१।।
अभक्तियोंसे राजी है, राजीसे वह नाराजी है ।
चोरोंसेभी पाजी है, पाजी के सदा काजी है ।
जागेसे जहाँमे एक   दिलासा    होगा ।।२।।
तकदीरके बाँधे बने, तकदीरदार दुनियाके ।
डर नहीं अस्मानका, काका बने सुमनियाके ।
तुकड्यासे उन्हीका, दिनरात हुलासा होगा ।।३।।