राम -भजन सबसे. अति प्यारा
(तर्ज: इन तन धनकी कौन... )
राम -भजन सबसे. अति प्यारा ।
राम-भजनने कंई जीव तारा ।।टेक।।
मूरख जानत नाहीं मरमको ।
सो दुख भोगत जमके दुवारा ।।१।।
राम कहत हनुमान उद्धरे ।
कूद पड़े, लंका हर डारा ।।२।।
रामके नामसे तरी अहिल्या ।
वाल्मिक ऋषि ले नाम उद्धारा ।।३।।
तुकड्यादास कहे तुम सुमरो ।
तबही कटे भवसागर सारा ।।४।।