कौन बिधी तुम्हरे गुण गाऊँ ?
(तर्ज : पिया मिलनके काज आज...)
कौन बिधी तुम्हरे गुण गाऊँ ? प्यारे राम ! हमारे ।।टेक।।
स्तुती करनेको क्या है मेरा ? सभी माल हैं तेरे ।
किसे बहूँ और किसे बहाऊँ, बुझे न मगज हमारे ।।१।।
सब तन तेरा, कोउ न मेरा, ऐसे ख्याल हमारे ।
बिरथा है यह मै मै करना, दंथ मगजके सारे ।।२।।
कहता तुकड्या, जो कुछ करता, सभी समर्पण तेरे ।
दिलमें मेरे यही रहा अब, तुमसे हम नहि न्यारे ।।३।।