तूही सबका साथी स्वामी !
(तर्ज : जिंदगी सुधार बंदे ! यही तेरो...)
तूही सबका साथी स्वामी ! प्रेमि और कौन है ? ।।टेक।।
गरज गरज तेरी महिमा, संत गात लेकर नामा ।
प्रभू देयगा विश्रामा, और सबै मौन हैं ।।१।।
गजनें नाम दिलसे लीन्हा, सहारा तुम्हीने दीन्हा ।
द्रौपदीकी फिक्रमाँही, वस्त्र दिये श्याम ! है ।।२।।
धृवने लगाई आसा, मिटा दी है उसकी प्यासा ।
कहे दास तुकड्या मेरा, जीव-प्राण तौन है ।।३।।