खासका पछाना करना, मानुजका काम है

(तर्ज : जिंदगी सुधार बंद... )
खासका पछाना करना, मानुजका काम है ।।टेक।।
जीव-शीव भेट क्या है ? पाया मोहनी यह क्या है ?।
मैं-मेरा पताभी क्या है ? जानना ये नाम है ।।१।।
साधुसंत-संग साधों, गठड़ियाँ कृपाकी बाँधो ।
चलो राह वैसी जगमें, पाओ जभी धाम है ।।२।।
श्रवणमें  सोहँकी धारा, नैननमें निजका उजारा ।
कहे दास तुकड्या वाके, जन्मको अराम है ।।३।।