कैसे मिलोगे मुरारी !
(तर्ज : पिया मिलनका जाना... )
कैसे मिलोगे मुरारी !
साँवरे ! बावरे, दिलको लगी मोरे तारी ।।टेक।।
हमको है झूठोंका साथ, बिगडेगी फिरके यह बात ।
कोई पकड लेगा हाथ, होगे जनमके दुखारी ।।१।।
मीठी सुनाओना, बसी बजाओना ।
नैना भरे, सुनके मेरे, वह याद आती तुम्हारी ।।२।।
वह दिन गया, जमाना भया, अबके न पाओगे क्या ? ।
तुकड्या कहे ढूँढकर, लेलो खबरिया हमारी ।।३।।