चैनमें मत रहे गाफिल ! उपरसे काल टपके है
(तर्ज : अगर है शौक मिलनेका... )
चैनमें मत रहे गाफिल ! उपरसे काल टपके है ।
घड़ी पल देखता तुझको, समयतककेहि छुपके है ।।टेक।।
बखत जब आयगी उसकी, करारा कोन छोडेगा ?।
झपट लेजायगा तुझको, रहेगा फिर न दबके है ।।१।।
रहे उमराव या राजा, रहे कोइ रंक या जोगी ।
समय थोडा न छोडेगा, बतावे पाप जबके है ।।२।।
भरोसा क्या हमें इसका? अगर मरनाहि है एकदिन ।
हुशारीसे रहो बाबा ! सुनाते संत कबके हैं ।।३।।
वह तुकड्यादास कहता है, प्रभूके नाम ना भूलो ।
बचो झूठे खियालोंसे, शरण वहि आय तबके है ।।४।।