सीधा चल जानेवाले

(तर्ज : रुक जाओ जानेवाले रुक जा... )
सीधा चल जानेवाले, सीधा चल, धोखे कि मट्टीमें मत जा ।
धोखाहि आखरी खायेगा, विषयोंकि भट्टीमें मत जा ।।टेक।।
जितनेभी चले आये, होगये खतम इसमें ।
मिट गये दुनियासे, नहिं नामोनिशा किसमें ।। सीधा 0।।१।।
ये दुनिया है चौसर और जिंदगी है बाजी ।
सत् संग मजा पावे, और डुबता है पाजी ।। सीधा 0।।२।।
सच काम किया जिसने, भगवान ! उसे कहते ।
बेवफा  चले   कोई, शैतान  उसे  कहते ।। सीधा0 ।।३।।
तकदीरसे तू आया, इस मानव - जीवनमें ।
कहे तुकड्या भवसागर, अब तरजा सुमरनमें ।। सीधा 0।।४।।