तेरे दिलसे करता तू है
(तर्ज: मेरे मनका बावरा पंछी... )
तेरे दिलसे करता तू है, सुनता न किसीका भी ।
कइ बार बताया था जो, सत्मार्ग खुशीका भी ।।टेक।।
ऐसा कहाँपे सीखा, अपने ही दिलका करना ।
इसिमें ही बिगड़ रहा है, सारा भरा जमाना ।।
इसिके लिये ही कहता हूँ,दिन आये हँसीका भी ।।१।।
सुनना सभीका पहिले, फिर सोचकर के चलना।
इन्सान वही होता, पडता न जिसे रोना ।।
सारी खबर बता दे, हो भला किसीका भी ।।२।।
दर्याव दिलके कोई, हो तो बताये मुझको ।
तुकड्या कहे नहीं तो, करना है क्या किसीको।।
धीरज कदम उठाले, तू ले ले मेरि चाबी ।।३।।