ले जान की कीमत, चीज मोल दे
(तर्ज : तेरा जादु न चलेगा...)
ले जान की कीमत,चीज मोल दे ।
ये ग्यान के किवाडे मेरे खोल दे ।।टेक।।
तरसा न जिया मेरा कामसे । कहीं अबतो इरादा न कोई ।
रामसे लगे मेरा ध्यान सदा ।
जो होना सो होई । लगा चरण में ! आज बोल दे0।।१।।
गुरु-गलियन में शान्ति मिले। ऐसे आशक कहते ।
इस कारण दे त्याग सभी, मस्त सदाही रहते-
मेरी जबाँ सब आज घोल दे ।
ले जानकी कीमत चीज मोल दे ॥ ले जान0 ।।२।।
ढूंढ लिया संसार सारा । काम-क्रोध की जाली ।
चक्कर जब पड़ते दिलमें। कोई न होता वाली।।
तुकड्याकी बस लाज आज तोल दे ॥ले जान 0।।३।।