तूने जानी नहीं मेरी भावना

(तर्ज : मेरा दिल अब तेरा ओ साजना... )
          तूने जानी नहीं  मेरी   भावना ।
          तेरे दर्शन की मन में  कामना ।।टेक ।।
इस दुनिया के अलग तरीके । कोई रोगी ,कोई भोगी।
हम तो तेरे ग्यान के प्यासे। इस   कारण   हैं  जोगी ।
          दिन - दिन   ये   मेरी   साधना ।।१।।
ऊपर का रंग हम ना पहने । नहीं गले में माला ।
मैं सो तू है,तू सो मैं हूँ । हमी गुरु  हम   चेला ! ।
          यह तार  चढाने   आवो   ना ! ।।२॥
दुनिया माँगे धन दौलत अरु- । लड़के जोरु साला ।
तुकड्यादास मिले नहीं चाहे-। फिर भी रहूँ मतवाला ।
              इसमें न जरासा है बाहना ।।३।।