किसको कहता भाई ग्यान

( तर्ज : गोरा गोरा मुखडा...)
किसको कहता भाई ग्यान, तेरा विषयोंमे है ध्यान ।
वाह रे शान - शान - शान ! ।।टेक।।
पण्डित होकर  ग्यान   बतावे ।
अपना मन नहिं स्थीर बनावे । 
सारा जीवन है हैरान, खाने-पीने का तूफान ।
वाह रे शान - शान - शान ! ।।१।।
घुमता सारा देश भराभर ।
पहले अपना घर तो सुधरकर ।।
तेरा दौलत में है प्राण । कैसे सुधरेगा अनजान ।
वाह रे शान - शान - शान ! ।।२।।
खुदका खर्चा  राज   दरबार ।
दुसरे को कहता कमती कर ? 
कैसा होगा तेरा मान, तुकड्या कहता कर पहिचान ।
वाह रे  शान - शान - शान ! ।।३॥