अय दिल को सुधार

( तर्ज : ये बरखा बहार, सौतनीयाके व्दार ,.)
अय दिल को सुधार, अपनेको निहार ।।
भेजी तेरे साथ में दुवाँ ।।टेक।।
बहाना कर न कहीं, दोषको छुपा बैठे ।
जमाना फेर चला जाय, हात धो बैठे ।।
अय सुनले पुकार, करले बेडापार -
भेजी तोहे  देखने  हवाँ ।।१॥
सहारा ले उसका, याद ना गमा देना ।
निशाना पाया मैं,सबको यह सुना देना ।।
अय मेरे करतार, तू है तारनहार -
जबाँ तेरी  प्रेमसे  गवां ।।२।।
कहाँ ना फेर मिले, आदमि की ये हस्ती ।
रहा ना जाय तुझे, छोडके ऐसी बस्ती ।।
ले तुकड्या की तार, कर उसका दीवार -
भेजी तुझे प्रेम की दुवाँ ।।३।।