आइएना श्याम ! मोरे, बैठिएना पासमें

(तर्ज : आज मेरि लाज प्रभू !...)
आइएना श्याम ! मोरे, बैठिएना पासमें ।
कीजिएना दास पावन, हूँ बडा उदास मैं ।।टेक।।
ना सूझे कदम उठाना, कौन राहसे बहलाना ? ।
कौन निभा लेगा मुझको ? फिक्र लगी श्वासमें ।।१।।
पथ जगतमें हैं नाना, सभीका दिखे धिंगाना ।
बिरले किसीने पहिचाना,   ब्रहारूप    खासमें ।।२।।
समय बडी आई बूरी, दिलमें नही है सबूरी ।
कब चलेगी जमकी छूरी ? हैं लगे इस ध्यासमें ।।३।।
या तो हरिकोही गाना ? या तो जमाना सम्हलाना ?।
गाना या तो कुछ बतलाना ? खब्र लगी भासमें ।।४।।
कुछ तो कहो कया करना है ? आगेके समयमें क्या हैं ।
कहे दास तुकड्या तुमबिन, हूँ बडा  निरास   मैं ।।५।।