इश्क तेरे पासमें तू, चाहे बनाले उसको

(तर्ज : आज मेरि लाज प्रभू ! ..)
इश्क तेरे पासमें तू, चाहे बनाले उसको ।
चाहे लगाले घरमें, चाहे मनाले उसको ।।टेक।।
मजनूने लगाया था इश्क, लैलाहीके साथमें ।
जान फरहाद की गई, सीरिही के साथमें ।
दिलपे तेरे है सभी, तू चाहे कमाले उसको ।।१।।
इश्कके साथ मंसूर, शूलीपे चढ़ गया ।
इश्कके लिये गोपीचँद, फकीरी ले लिया ।
इश्कमें लगा येशू, शूलि   चढाया    उसको ।।२।।
प्रल्हाद इश्कसे हरिके, ज्वालाग्निसे बचवा गया ।
ध्रुवने लगाया इश्क, ऊँचे पदको पा गया ।
तुकड्या कहे तू सोचले, ईश्वरसे लगाले उसको ।।३।।