जीवन है जीवन है, जीवन है संग्राम बंदे !

जीवन है जीवन है, जीवन है संग्राम बंदे ! ।।टेक।।
इस जीवनमें जो लड़ जावे, सो जाता निजधाम बटे ! ।।१।।
काम क्रोध शत्रूको जीते, पाता वह आराम बंदे ! ।।२।।
लोभ-दंभके सिरपर बैठे, वह रखता है लगाम बंदे ! ।।३।।
तुकड्यादास कहे प्रभु भजता, वह होता सिर-सलाम बंदे ! ।।४।।