अब आता है, अब आता है

(तर्ज: गुरु तुमहि तो हो गुरु... )
अब आता है, अब आता है, आता है अब कर्तार मेरा ।।टेक।।
घोडोंपर कस कसी सवारी, कंबरमें  तलवार   धरा ।।१।।
रण-कंदन कर पाप जमींके, बहवाता खूनोंका झरा ।।२।।
कलजुगको ले करके ऊपर, करता है पहिचान पुरा ।।३।।
तुकड्यादास कहे जागे हो, मत भूलो, बस सार मेरा ।।४।।