साधन अब बदलाना होगा। घरघरमें यही गाना होगा ।
(तर्ज: सुनो सुनो ऐ दुनियावालो . . . )
साधन अब बदलाना होगा।
घरघरमें यही गाना होगा ।।टेक ।।
एक जमाना था जप-तपका, यज्ञ-याग तीरथका।
अब तो श्रम देकर ग्रामोंको, ठीक बनाना होगा ।। १ ॥
एक जमाना दान-धर्मका, मंदर- सुंदरताका।
अब तो भूमि दे गरिबनको, गाँव निभाना होगा ।। २ ॥।
एक जमाना उच्च वर्णका, सत्ता, धन, मत्ताका।
अब तो सेवा, समता सबमें, प्रेम बहाना होगा ।। ३ ॥।
तुकड्यादास कहे यहि होगा, होकरके ही रहेगा।
उलटी चाल चले गर कोई,पागल कहलाना होगा।।४ ॥