आयि आयि मेरी आज नाँव किनारे

(तर्ज : सारी रात तेरी याद सताये....)

        आयि आयि मेरी आज, नाँव किनारे । 
पार लगेगा मेरा, बेडा सहारा रे, बेडा सहारा ।।टेक।।
       किसीको सतायी सारी उम्र जवानी।
       मुझको    सतायी   भक्ति   बिरानी।।
आज खुशी मेरा,नस-नस प्यारे रे,प्रभुके सहारे।।आयि 0।।1॥
       मेरे मन-मंदर में मनकेभि अंदर में ।
       प्रभू को   देखा, अति   सुन्दर   में ।।
तुकड्या कहे मेरी, सुधही बिसारी रे,गुरुदेव मेरे ।।आयि 0।।2।।