तेरी सैतानी या शान है ये
(तर्ज : आया बादल भर भर आया. . .)
तेरी सैतानी या शान है ये ।
फटे लडकोसे क्या शान है ये ।।
मुझसे तो बोल, बातोको खोल ।
तेरे धर्म पत्नीको क्या जान है ये ।।टेक।।
हर साल बच्चोका होना ।
ये भाता तुझे तू बताना ।।
जचता नही, करता सही ।
बुरे आदतसे हैरानी है ये ।।1।।
दोनोही बच्चे हो तेरे ।
हो ऐसे जो किरत पुकारे ।।
विनयशील हो,बीर हो, धीर हो ।
ऐसे किलबील से क्या जान है ये ।।2।।
संयमसे जिंदगी बसर कर ।
या तो जा वैद्यनाथके घरपर ।।
कह दो उसे पुत्र ना हो मुझे ।
ऐसे करनाही निरबन है ये ।।3॥
कौन कहता ये लीला प्रभुकी ।
जान जाये ये तो बच्चो के माँ की।।
तेरे हाल है जिंदगी साथ ।
करले रहनको ही दुनिया है ये ।।4॥
बेकार लड़के बनाना ।
नये भारतको दु:ख मे है ढोना ।।
सुनके सुधर, मत देर कर ।
कहे तुकड्या पहिचान है ये ।।5॥