झोलीमें देशकी इस भूमिका दान कर दो
(तर्ज : ईश्वरको जान बंदे.. )
झोलीमें देशकी इस भूमिका दान कर दो ।
ऐ भूमि-मालिको ! हुई जो गलतियाँ सुधर दो ।।1॥
थी धरती यह उन्हींकी, जो जोतता-निपजता ।
पर आज क्या हुआ है ?-इस बातपे नजर दो ।।2।।
कुछ तो पडे है भूखे; दरदरमें लोटते हैं ।
करने दो काम उनको, है हक उनका भर दो ।।3॥
खुप सोच लो जरा जब हम हैं समान सारे ।
मिलकरके देश अपना, धनधान्यसे बहर दो ।।4।।
जादा हुआ तो दे दो, कमती हुआ तो ले लो ।
तुकड्या कहे सुनो अब, थोडी न देर कर दो ।।5॥