करने नाम आमर है

              (तर्ज: आओ सुंदर देश बनाये... )
करने नाम अमर है, अब तो वीरोंको अवसर है ।।टेक॥
एक समय होता शांतीका,समझ समझ पर भर है।
कुटिल लोग माने न सरलता, करते जब तरतर है।।1।।
भाई कहकर गला घोटना, करते दोष जबर है ।
ऐसे    खलको  देत   नतीजा, सोही  होता  नर  हैं ।।2।।
हम हैं अपने देशके वाली, हिंमतके बेडर हैं ।
मरना जीना खेल हमारा, हरदम ऊँचा सर हैं  ।।3।।
लडनेको तरवार खड़ी है, जबा कहे हर हर है ।
मैत्रीको मन मोम हमारा, शांतीके  खबुतर  हैं  ।।4।।
देश सुरक्षा दलबल साथी, आ गये जर जेवर है ।
तकड्यादास कहे  भारतका,आगे दिन सुंदर है।।5।।