सुन सुन रे इन्सान !
(तर्ज : काहे जादू किया... )
सुन सुन रे इन्सान ! मान कहना यह मान ।
दुनिया मतलब की है ।।
उठा सच्चा कदम, डाल नेकीका दम ।।टेक ॥
तूने सेवा किया, तब तो मेवा मिले ।
तूने गलती किया, तब तो कुछ ना फले ।
यह समझकर ही चल, ना फिरसे बदल ,
दुनिया मतलब की है0।।१।।
किसका कर तू भला, तेरा होगा भला ।
तू दगा दे चला, तब तो भोगे खुला ।
कहे-तुकड्या भजन,तेरा तुझमें है धन ।
दुनिया मतलब की है 0।।२॥