ऐ नौजवान ! देशको
(तर्ज:क्या पिल गया भगवान... )
ऐ नौजवान ! देशको ऊँचा उठा रहो ।
आगे बढो, आगे बढो-हिम्मतसे यूँ कहो ।।टेक॥
अपने चरित्रको तुम खुदही गमा गये ।
तो देशकी सन्तानको, मरना सीखा गये ।।
यह ध्यान दो, यह ध्यान दो,अन्याय ना सहे ।
आगे बढो, आगे बढो-हिम्मतसे यूँ कहो ।।१॥
अब हुक्मकी हो बागडोर उनके हाथमें ।
जो कष्ट करे और नम्र है जनता के साथमें।।
सब मिलके करो काम, देश रामराज्य हो ।
आगे बढो, आगे बढो- हिम्मतसे यूँ कहो ।।२॥
धन, जाति और सत्ताका गर्व छोड़ दो ।
सद् धर्म नीति-न्यायसे नातेको जोड़ दो ।।
झूठा करे व्यवहार उनसे दूर हो रहो ।
आगे बढो, आगे बढो - हिम्मतसे यूँ कहो ।।३।।
आजादी जो इस देशकी तुमकोही मिली है ।
आओ करो सब काम तो किस्मतहि खुली है।।
तुकड्या कहे, झूठोंसे कभी बात ना कहो ।
आगे बढो, आगे बढो- हिम्मतसे यूँ कहो ।।४॥