वह दिन कब आवेगा भारत में ?
(तर्ज- रंग लागू दे हृदयात रे. ...)
वह दिन कब आवेगा भारत में ?
हम राह देखते उसकी ।।टेक।।
घर - घर में बन्धुता समाई ।
सबके मन सबकी कदराई ।
सब समाज हो समान अपना,
लगी है लो सबको इसकी ।।१।।
तरूण,बाल,बूढे,सब मिलके ।
करते हैं सेवा मिल - जुलके ।
कोई अमीर न गरीब देखे,
चाह सभीको हो सबकी ।।२।।
देशहीको भगवान् समझकर ।
नीति प्रीति अपने मन भरकर ।
लागे सभी कर्तव्य करन को,
आशा एक ॒ घरके जशकी ।।३।।
देशके खातिर सभी सिपाही ।
संकट से डरते नहीं कोई ।
तुकड्यादास कहे वही घड़ियाँ,
रामराज्य के है बसकी ।।४।।