करते है तेरी याद !

   (तर्ज : मम बंधु सखा शून्य जगी... )
करते है तेरी याद ! पडी फिक्र है भारी ! !
अये श्याम मुरारी ! ! !
बस ख्याल दे अपना,नहिं तो लाजहि हारी ।
अये श्याम मुरारी ! ।।टेक।।
भारतमें तेरे जोर  -  जोरसे उदंग है ।
छोटे - बडे और राव - रंक जीव तंग है ।
खाने-पिने न पेटको, औ छाई बिमारी ।
अये श्याम मुरारी! ।।१।।
अबलाके बडे हाल महाकाल कर रहे ।
गुंडोंकि वजह सेंकडो के बाल मर रहे ।
यह आयी मुसीबत समझ ना आ रही मेरी ।
अये श्याम मुरारी ! ।।२।।
कर दे दया अभी, नहिं तो प्रलय बड़ा है ।
फिर आके भी तू क्‍या करेगा, कौन खडा है?
तुकड्याकि अर्ज लो अबके आखरी बारी ।
अये श्याम मुरारी! ।।३।।