चलो चलो उठो बिरो
(तर्ज : कदम कदम बढ़ाये जा... )
चलो चलो उठो बिरो, यह वक्त सामने खडी ।
करो करो हशियारियाँ, है चोर आनेकी घडी ।।टेक।।
आजतकके खो दिया था, देशका सुभाग ये ।
आगयी है वक्त अभी, जाने दो समय न ये ।।
धरो धरो न जाने दो, स्वाधीनता आगे खड़ी ।।१।।
स्वराज्य में सुराज्य हो करो यही तो याचना ।
तैयार हो आदर्श लो, है राष्ट्रकी यह भावना ।।
हरो हरो गुमानको, यह शत्रुकी सेना चढी ।।२।।
जानमें जब जान है, तो मानसे आगे बढो ।
कौन रोकता है तुम्हें, चलो चलो आगे बढो ।।
देशमें कुर्बानीसेहि, वीरकी छाती बढी ।।३।।
नौजवान आइये, अब देर ना लगाइये ।
गाइये सब गाइये, जयहिन्द - जयगुरु गाइये ।।
तुकड्याकी यह आवाज है,न भूलके खोना गडी।।४।।