हिकमत-हिकमतसे काम करो,तबहि एकमत हो जाता है ।

(तर्ज : दिल तोडनेवाले जादूगर...)

हिकमत-हिकमतसे काम करो,तबहि एकमत हो जाता है ।
श्रध्दा भक्तीसे प्रेम भरो, तब कामसे दिल जग जाता है ।। टेक ॥
जरूरत है अब इन बातों की,क्योंकी सब मोती बिखर गये।
एक माल बनानी है उनकी, लगवाके देशका नाता है ।।१ ॥
कहते है तुम किस जातके हो,किस पंथ के हो,किस धर्मके हो।
पर आज सभी भूल जाओ जरा,करलो इन्सान-सी बाता है ।। २ ॥
नहीं तो अब देशके टुकडे है, हर प्रांत-प्रात लड जायेंगे।
कोई न किसीका मानेगा,यह मेरि नजरमें आता है ।।३ ॥
अब सबही नेता एक करो और आजादी आबाद करो।
कहे तुकड्या लो सन्देश मेरा,यह नाव झकोला खाता है! ।। ४ ॥