खरीदा मैने हीरा लिया

(तर्ज: आज तुम-हमसे परदा क्यों... )

खरीदा मैने हीरा लिया, खरीदा।
           खरीदा खरीदा ! ।।टेक।।
चारों टिवारी के तोडे किवाडों को ।
मेरे आँखों के  तारे  चमकने  लगे ।।
कहीं सुन्दर-से बादल बरसने लगे।
ये जिन्दगी के छप्परको कर दे जुदा।।
          मेंने हीरा खरीदा ।।1।।
कहीं बिजली की   देखी   लकीरें ।
मेरा मन ही ठिकाने में डोला करे ।।
जैसी छाई नसा सारे तनमें भरी ।
जुदाई का परदा किया है अदा ।।
           मैंने हीरा खरीदा ।।2।।
प्यारी -प्यारी बिनाकी झनकार बाजे ।
देखे-सुने मेरा दिल खूब नाचे ।।
फूला समाया न जाये जीया मेरा।
तुकड्या आनन्द में रहेगा सदा।।
           मैंने हीरा खरीदा ।।3।।