किस्मत हो किसके बडे !

(तर्ज: क्या जाने अमिरी गरिबी का मजा क्या है ?...)

किस्मत हो किसिके बडे ! हम दास रहेंगे ।
दुनिया मजा करे भले ! हम उदास रहेंगे ! ! ।।टेक ।।
ये गरिबी अमिरी हैं सब दिलकी दगाई ।
ईमान ठिकाने हो तो, है सबकी सगाई ।।
सच्चे प्रभु  की   याद  में   सहवास   करेंगे ! ।।1॥
पहिचाने नहीं दुनिया, ये हो नहीं सकता ।
पर  देखती  कसौटी, ऐसा  हमें   लगता ।।
बह जायेगा  घुंसवाला, हमी  खास  रहेंगे ! ॥2।।
धनवान नहीं होंगे, इस कालमें अगुआ !
सच्ची करेंगें सेवा, उनकी ही वाहवा !!
तुकड्या कहे हो सच तो, हम पास रहेंगे ! ।।3।।