सुधले, सुधले, सुधले साधो

सुधले,सुधले, सुधले साधो ।
जीवन काहे खोवे ?     साधो ! ।।टेक।।
मत जा तू उनके   दरवाजे।
झूठी जिनकी नौबत बाजे।।
अपनी बात सुधरले ! ।। साधो ! ।।1।।
जो माने नहिं सत् का कहना |
क्यों  उनके  दरवाजे   रहना?
पेट  कहींसे   भरले ! ।। साधो !   ।।2।।
भेख बडा की  धन   है  भारी।
राज बड़ा की तेरि   फकिरी।।
समझ-समझपन धर ले!।।साधो!।।3।।
तेरी बानी जग    गाता है।
तू क्यों अब मठमें सोता है??
अपनीहि मत   कर  ले ! ॥साधो ! ।।4।।
तुकड्यादास कहे  चेता हो।
अपने गुरुकी अलख जगाओ।।
खबर दिया तू   बुधले ! ॥साधो !  ॥5।।