कितनि देर बैठे यहाँ
(राग: खमाज, ताल - दादरा.... )
कितनि देर बैठें यहाँ, आस को लगायके ?
आस को लगायके, दिल ध्यान में जगायके ? ।।टेक।।
नैनन में नींद नहीं, भाँती अब रैन नहीं ।
रैनन में चैन नहीं, दिल भागे उछायके ! ।।1।।
नाच - नाच पैर गये, पैरनके बाज गये ।
बाज के अवाज गये, नैन नीर बहायके ! ।।2।।
प्यारे मनमोहन को, तडपे दिल देखनको ।
पागल मन बनत देखे, चारों और धायके ! ।।3।।
सुनते थे गोपिनसे, प्रभु पाये लो हमसे ।
तुकड्या कहे,हमभी गोपी हो गये गुण गायके ! ।।4।।
गुरुकुज आश्रम, दि. 0७-१९-१९६