है जानी - जवानी खैरात

    (तजे; लो आयी मिलन की सुहानी रात...)
है जानी -जवानी,खैरात फरनकी बात ।
दुश्मन से दिखाने आये है -
इस शेरे  हिन्द  का     हाथ !  ।।टेक।।
भारत का बच्चा लड़ जायेगा ।
खून का बदला खूनसे  लेगा ।।
दुश्मनसे अब   वो   टकरेगा ।
लडनेवालों   पर   डकरेगा  ।।
कायर बनने नहीं आयी   है -
शिवराणा    की       जात !   ।।१।।
वख्त गयी, किस काम की है ?
जिन्दगी यह तो नाम की है ।।
गिध्धड सा जगना है खाली ।
जब आजादी    भूल   गये ।।
जान गया अब भारत, चीनी ।
करके   हुआ    एक  साथ ! ।।२।।
चेत गया  दिल भारत का ।
शांती को   पाते   धोखा  ।।
क्यों हक छीना जाय किसीका ?
मतलब क्या होता है इसीका ?
तुकड्यादास सहन नहीं होगा।
कपट       भरा       आघात ।।३।।