सीताराम जपो मनमाँही

       (तर्ज: हरि-भजन करेसे सुख पायेगा रे... )
सीताराम जपो मनमाँही, भव संसार तर जावो ।
उसको खर्च पडे नहीं भाई, नैया पार कर जावो ।।टेक।।
वाल्मिकने उलटी जपी है माला,उनका बेडा पार निकाला।
बडी शक्ति है रामनाम में, विश्वास   कर    जावो ।।1।।
राम के नाम जपा हनुमंता,तार दियो पाषाण भी सरिता
इस तनका वही होगा, हरदम  नाम   गा    जावो ।।2।।
बडे-बडे साधु-संन्यासी, रामनाम ने छोडी फाँसी। 
गोस्वामी का चरित्र देखो, तुम भी पार पा  जावो ।।3।।
मनको संयम में रख लीजो,आसन अपना स्थीर करे जो।
अमृत लाभ   मिले   प्रभुके,  परिवार   हो   जावो ।।4।।
सब घर काम करो हाथोंसे,नाम जपो मनसे और मुखसे।
तुकड्यादास नेक रहो, फिर तो  मोक्षपद  पावो  ।।5।।