सुन रे भारत के प्यारे जवान ! तुझपे सौंपी है जिन्दगी तमाम
(तर्ज : ऊँचे ऊँचे मकान... )
सुन रे भारत के प्यारे जवान !
तुझपे सौंपी है जिन्दगी तमाम ।। टेक ॥
चाहे बनादे इसे स्वर्गभूमि ।
चाहे लगादे नरक की निशानी ।
तेरी चलन पर है भारत की नैया ,
तू सोच ले सारा काम। तुझपे 0।।१।।
घरघर में तेरी रौनक जगा दे।
हर चौक में तेरा दीपक लगा दे।
जोश से पुकार भारत सेवा -समाज
और सेवामें बढ जा महान। तुझपे0।।२।।
घर किसके टूटे तो कर दे दिवाले।
सब मिलके शाला और सडकें बनाले।
सारे बिछुडो को तू फिरसे मिलाले,
यह तुकड्या का सुनले कलाम । तुझपे0।।३॥