लड़ जायेंगे, बढ जायेंगे। हम हिम्मत के साथ ।
(तर्ज : समर गित.. )
लड़ जायेंगे, बढ जायेंगे।
हम हिम्मत के साथ ।
मजाल क्या है किस शत्रुकी ! धरे हमारा हाथ।। टेक ।।
भारत है बलवान, सच्चा है इन्सान।
ऋषियों की सन्तान,यहाँ प्रगटे भगवान।
यहाँ खडी है वीर शिवाजी -महाराणाकी जात।।
मजाल क्या है किस शत्रुकी !0 ।।१॥
झाँशी की रानी, यहाँ थी मर्दानी ।
बंदा..... बैरागी उनकी. कुर्बानी ।
भगतसिंग की हिम्मत बाँकी। हँसा शूलके साथ ।।
मजाल क्या है किस शत्रुकी ! 0 ।। २ ॥
गुरु-गोविंद की खड़ी सदा समशेर ।
नेपाली गुरखा है हिम्मत का शेर ।
घर-घरमें है वीर हमारे। करें जान खैरात ।।
मजाल क्या है किस शत्रुकी ! 0 ।।३ ।।
हम सच्चेके साथ, धोकेबाज पर लात।
विश्वमनुजकी याद, लेके. बने आजाद।
भारत माँ के स्वतंत्रता की। ज्योत जले दिनरात ।।
मजाल क्या है किस शत्रुकी ! 0 ।।४।।
सुभाषबाबूने सेना की बलवान।
देशके खातिरमें प्राण किये कुर्बान।
तुकड्यादास कहे हम सारे।करे शत्रु -निःपात ।।
मजाल क्या है किस शत्रुकी! 0।।५।।