जीवन का मजा पाना है तुझे, फिर संयम करवा ले

         (तर्ज : हुशियार रहो, हुशियार रहो... )
जीवन का मजा पाना है तुझे,फिर संयम करवा ले मनका ।
एक दोनों पुत्र ही कर पैदा, फिर चमन फुलेगा जीवन का! ।।टेक।।
एक छोटा-सा घर और सुन्दर बन,सब्जि और नाज उगे उसमें ! ।
उद्योग करो,पति-पत्नि मिले,रहो ख्याल रखाकर के गुण का ! ।।1।।
पुत्रों को पढा करके विद्या, बलवान करो, तनसे-मनसे।
व्यसनी न रहे लड़का अपना,यह ख्याल रखाले पल -छिनका ! ।।2।।
जन-सेवा यही हे धर्म बडा, आजाद रहे, यही मर्म बडा।
उपकार बने जितना करना, कभी भेद न करना मानवका!।।3।।