सारी दुनिया का कौन बोलो जीम्मेदार है ?
(तर्ज : सौ साल पहिले...)
सारी दुनिया का कौन बोलो जीम्मेदार है ?
सामने उसीके बाबा ! मेरी तकरार है।।
सभी को बनाया है फिर, वही क्यों फरार है।
सामने उसीके बाबा ! मेरी तकरार है ! ।।टेक।।
अगर उजागर है वो तो, वो तो, मुझें बोल दे ।
अपने छुपे जाने का, हाल हमसे खोल दे ।।
किससे पूंछे हम हमारे जान के सुधार है ।
सामने उसीके बाबा ! मेरी तकरार है ।।1।।
तुम्हारे ही पंडितोंने, धर्म किया है महँगा ।
जोरू-मर्द राजी है पर राशी का अडंगा ।।
बिना धनके शादी नहीं, वारे ये बेपार हे ?
सामने उसीके बाबा ! मेरी तकरार है ! ।।2।।
सीने को मशिन नाही, नाम कैसे दर्जी ?
चमारोंका धंदा करता, नाम कहता मर्जी ।
जनम भर पाप करे, चाहता उध्दार है !
सामने उसीके बाबा ! मेरी तकरार हे ! ।।3।।
अगर मेरा दर्शनों से पाप होता नाश है।
झूठ मिलावट क्यों करता? फेर कहता दास है! ।।
तुकड्याको वही कहना है, भरके रखा बार हे!
सामने उसीके बाबा ! मेरी तकरार है ! ।।4।।