तुम्हारे लिये ही हमने छोडे घरबार है
(तर्ज : सौ साल पहिले...)
तुम्हारे लिये ही हमने छोडे घरबार है ।
इसीके लिये ही बाबा ! तेरा इंतजार है ।।
काम-क्रोध-दंभ सारे, लड़के करने पार है ।
इसीके लिये ही बाबा ! तेरा , इंतजार है ! ।।टेक।।
आँखे लगा ना करो प्रभुजी! मेरी छाती दुख पाती है।
मेरे लिये आँख खोलो, मूर्ति नैन भाँती है ।।
जीते रहेंगे हम इसीपर, चढा तेरा तार है ।
इसीके लिये ही बाबा ! तेरा इंतजार है ! ।।1।।
पूजा ना हमारी कोई, कोई सिवा याद के ।
खजाने हमारे कोई, नहीं बिना नामके ।।
मस्ती है खुराक दिलमें, बाबा के दीदार हैं ।
इसीके लिये ही बाबा ! तेरा इंतजार है ! ।।2।।
बिछाई है कम्बल ये, दिल में प्यार सोचके ।
हटेंगे नहीं हम-चाहे वर्ष भर भी हो चुके ।।
यहीं किया हमने, दिल में तेरा इकरार हैं ।
इसीके लिये हीं बाबा ! तेरा इंतजार है ! ।।3।।
सभी संत एकही हैं, एकही हैं ग्यान में ।
मित्र सभी के बनो, बनाओ तूफान में ।।
यही दास तुकड्याने भी, लिया-दिया सार हैं !
इसीके लिये ही बाबा ! तेरा इंतजार है ! ।।4।।