हम मुश्किल घाट चढे हे, तेरे द्वारे आये खडे हे
(तर्ज: धन मत जोडे..)
हम मुश्किल घाट चढे हे, तेरे द्वारे आये खडे हे ।।टेक।।
अँधियारा था जीवन भरमें,जरा समझ नहिं पडती थी।
लोभ मोह ममता की काँटी, तोडके आगे बढे हे ।।तेरे0 ।। १ ।।
कामक्रोध के पत्थर मोटे, धडक धडक कर चुभते थे।
बचा बचाकर मार उन्हींके, अबतक खूब लडे हे ।।तेरे0।।२।।
अब आगे तेरे-निजानंद-की,खोजमें अँखियाँ घुमती है।
तुकड्यादास कहे ऐ प्रीतम ! दर्शनकोही अडे है ।। तेरे0 ।।३।।