आवो ना बताओ मोहे ग्यान !

          (तर्ज : जाबो, ना सताओ रसिया. . )
शेर-1 : दिलकी धडकन क्या कहूँ जो देखा है तुफान ।
मन नहीं माने, समझाये करता पाप महान्‌ ।

शेर-2 : खैर करें मनमें कभी मगर न हो जग जान।
इनसे तो मरना भला, कौन कामका ज्ञान ?

आवो ना बताओ मोहे ग्यान !
फिरसे न पाऊँ ये दुख महान्‌ ।।टेक।।
घडी में शान आती है, घडी में दिल दुखाती है ।
अरे वा ! कैसी   है  ये   जान ! ।। आओ ना0 ।।1।।
घडी में कामकी स्वारी, घडी में क्रोध ने मारी ।
अजब है षड्   रिपुकी   तान ! ।। आओ ना0 ।।2।।
घडी में साधुता आवे, घडी में बैर मन भावे।
न इसका   कोई   ले   इल्जाम।। आओ ना0  ।।3।।
मिले जो-जो भी कहते हैं,ये दुख सबकोही रहते हैं ।
मगर इसपर हो  सबका   ध्यान।। आओ ना0।।4।।
बिना सत्‌-संगती पाये,ये दुख किसीसे नहीं जाये ।
तुकड्या कहे,मैं हूँ हैरान   सनम ।।आओ ना0।।5।।