आओ आओ, प्रभू-चरण रिझायेंगे ।

(तर्ज : छोडो -छोडो मोरे सेया बावरे... )
आओ आओ, प्रभू-चरण रिझायेंगे ।।टेक।।
हम गरिबनकों को साधन है ?
ब्रह्म-भोज करने नहीं धन है।।
दिल -मन से  गुण  गायेंगे ! ।।1।।
उमर भयी अब योग न साधे ।
आसन - प्राणायाम उपाधे ।।
हम सुमरण  कर    पायेंगे ! ।।2।।
पूजा-विधी नाना परकारा।
चलत दामाग नहीं अब मोरा ।।
भजन - भक्ति उर लायेंगे ! ।।3।।
कड्यादास सुगम मारग से।
सत्‌गुरु-देव दिये साधन से ।।
पद - पद पर चढ जायेंगे !  ।।4।।