तुकड्यादास
मदद करें (Help Us)
होम
साहित्य
ग्रामगीता
भजन
फोटोज
संपर्क
मदद करें
होम
साहित्य
ग्रामगीता
भजन
भजन पुस्तके
फोटोज
संपर्क
भजन
क्रमांक
भजन
1
क्या ये किस्मत हमारे, भटकते चले है
2
क्या लिखा नही ? सब लिखा
3
क्या साहबकी चतुराई, मुरदा पाई चेतनाई
4
क्या हम तीरथ पायें भाई !
5
क्या हमारे लिए आँख तेरी लगी ?
6
क्यो किसे बोलते झूठ हो ?
7
क्यो धरता ऊँची आस ?
8
क्यो हमेशा बोलता आजादी में क्या अर्थ है ?
9
क्यों अजल फेरमें भटके ?
10
क्यों चौरासी मों लटके ? मत भोगों
11
क्यों थोड़ी बुध्दीसे अपना
12
क्यों दोस्त ! कहाँपर जाता है
13
क्यों न पार पावेगा, जो नाथकी
14
क्यों नही मिलते मुझे ? श्रीकृष्णजी बनवारिया !
15
क्यों नही मिलते मुझे अब, कृष्णजी जग-तारिया ?
16
क्यों नाहक धोखा खाया ?
17
क्यों नैन लगा ली मोहनी ?
18
क्यों फिरता नर ! जग - विषयनमें ?
19
क्यों फिरता नर ! बनमें भटकत ?
20
क्यों बन नाचत मोरा !
21
क्यों बैराग लीया हैं ? घरको त्याग दिया है, क्यों ? बोल साधू ! बोल, सेवा करता कि नहीं ?
22
क्यों भूल पड़ा ? क्यों भूल पड़ा ?
23
क्यों भूल पडा ? क्यों भूल पडा ?
24
क्यों भूल रहा बिरथा प्यारे ! चल ऊठ गडी !
25
क्यों मचाया ढोंग तुमने, हम अलग दुनियाँसे हैं
Previous
Page 53 of 217
Next