तुकड्यादास
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भजन
1
अरे ! राम भजो, अरे ! राम भजो
2
अरे ! रिकामा कशाला फिरतं ?
3
अरे क्या हो रहा तुमसे, सदा घुमतेही रह जाओ
4
अरे गाफिल ! कहाँ सोये ? यहाँ तो चोर लूटेंगे
5
अरे नटखट ! क्यों चलता है ?
6
अरे भूपतिनो ! भूमिदान यज्ञाला या साह्य देऊ मजुरांला
7
अरे मन ! क्यों बिछलता है
8
अरे मन ! क्यों भटकता है ?
9
अरे मन ! नित रह अंतर जागा
10
अरे मन ! साथ हमारे चलना
11
अरे मनुवा ! भज रघुनाथ नाथ
12
अरे यह चोर की नगरी, यहाँ कैसा खडा है तू ?
13
अरे सुन तो जरासी बात मेरी
14
अरे सोचके चल भाई !
15
अरे हकदार प्यारे दिल
16
अरे हम गिरते जाते है
17
अरे हमीं गलतियाँ खातें, करेंगे क्या किसीका हल ?
18
अर्ज है मेरी तुम्हें, दिलका कपट खोलो जरा
19
अलमस्त पिलाया प्याला
20
अवकळा अशी का आली, भारता ! तुझ्या देहाला ?
21
अवगुण अपुले अंतरी दिसती
22
अवगुण कानि न घ्या गुरु माझे
23
अवगुण क्या कहूँ कितने भरे ?
24
अवघड घाट भवाचा चढता होतो थाट जिवाचा
25
अवघड प्रभुची वाट गड्या रे ।
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