भजन

क्रमांक भजन
1 वळण द्यावे इंद्रियांसी ।
2 वळवाच वृत्तिला मागे विषयाहूनि वळवा आधी
3 वळवाया वृत्तिसी करी अजपा सखया !
4 वळेना मन अभ्यासाने , अनावर फिरते अभिमाने
5 वसे त्र्यंबक - शिखरी ।
6 वस्तू नोहे प्रिय प्रियु आहे
7 वस्तूहूनि बाद वस्तूचे अंतर
8 वस्त्र पुरविसी तू द्रोपदिसी, मी बाळ तुझा का नावडता ?
9 वस्त्र शुद्ध ठेवू तरी चाहे लोक
10 वह अजब ख्यालका सपना
11 वह खादीकी चद्दर थी
12 वह गांधीका जीवन सतजुग समान ही था
13 वह दिन कब आवेगा भारत में ?
14 वह प्यारा बंसीवाला
15 वह सूरतके उजारोंमें तुम्हारा रूप दर्शाना
16 वहि गुरु तारक समझो भाई !
17 वहि दरबार तुम्हारा साधो !
18 वहि माया है, वहिं माया है
19 वहि मुरशदके प्यारे साधो !
20 वहि है माया प्यारे ! तूने काया
21 वही कादरका कुदरती प्यारा
22 वही घटकी बलिहारी साधो !
23 वही मैं मौजमें देखा
24 वही है महामूर्ख, नर जन्म पावे
25 वही है संत पुरा भाई ! आपमें अपना रूप पाई