भजन

क्रमांक भजन
1 सब खोइ उमर, सब खोइ उमर ।
2 सब गाँवको बुलाये जा, साथमें बिंठाये जा!
3 सब छोड मात - तात हरी ! साथ आऊगी
4 सब छोड मात तात, हरी - संग जाउँगी
5 सब जग स्वारथका भाई ! तनका
6 सब डर तो जरके माथे है
7 सब भूल गये तन काज
8 सब मतलबके साथी प्यारे !
9 सब मिल करते है,स्वागत आज तुम्हारा।
10 सब मिलकर अपना दिल हम
11 सबका दयाल दाता तू, भक्तसे सुना था
12 सबके कदम को मिलाके चलो ।
13 सबको मिला है, तेरा सहारा
14 सबमें सेवाभाव बढाओ
15 सबर नहि देखो बिना ब्रजराज !
16 सबसे अविचल ब्रह्म अनादी
17 सबसे मीठा बोल, बाबा !
18 सबसे मीठा बोल, बाबा !
19 सबाह्य अंतरी शुद्ध करा मन
20 सभी पर्तवमें नहीं माणिक
21 सभी भरना तनूको है, मूरख
22 समझ - समझकर बढना प्यारे !
23 समझ धर जरा, मनुज सुजानो हो !
24 समझ न पाया मैआ गुरु - गीता
25 समझ यार ! तू, क्यों पगला बनता ?